हद है... सीआरपीएफ के जवानों को कश्मीर पुलिस द्वारा घाटी में बिना हथियारों के लड़ने पर मजबूर किया जा रहा है। मतलब आधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों से लड़ने के लिए लकड़ी का डंडा??? इससे वह खुद की सुरक्षा करेंगे या आम जनता की?
इससे अच्छा तो यह है कि सीआरपीएफ की ज़िम्मेदारी कश्मीर पुलिस को ही दे दो, खुद ही भिड़ें आतंकवादियों से और वह भी लकड़ी डंडों के साथ!



