अक्सर लोग अपनी आस्था के खिलाफ किसी विचार को सुनकर मारने-मरने पर उतर जाते हैं, उम्मीद करते हैं कि सामने वाला भी उतनी ही इज्जत देगा, जितनी कि हमारे दिल में है। हालांकि यह नामुमकिन बात है, हर एक की सोच अलग होती है, कैफियत अलग होती है। हम में से हर एक को दूसरे को उसकी आस्था या सोच रखने की आज़ादी का समर्थक होना चाहिए...अपनी आस्था को मानिए पर किसी को भी दूसरे की सोच या आस्था का मज़ाक नहीं उड़ना चाहिए, नीचा...
छात्रों पर मार्क्स लाने का प्रेशर और परिणाम
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बहुत सारे स्टूडेंट अच्छे मार्क्स से पास हो रहे हैं, खूब दिल लगाकर पढ़ाई
करना और इम्तेहान में अच्छे मार्क्स से पास होना ज़रूरी तो है, पर जिस तरह से
अच्छी ...