
इस ज़िन्दगी का इश्क़िया उन्वान भी भारी रहा
खाकिश्तरों से होना यूँ अन्जान भी भारी रहा
हम दुनिया को समझते रहे शादमानियाँ
इन हसरतों का होना यूँ मेहमान भी भारी रहा
- शाहनवाज़ 'साहिल'
शब्दों के अर्थ:
उन्वान = शीर्षक, Tital, Heading
खाकिश्तर = ऐसा अंगारा जिस के बाहर में राख़ और अन्दर आग हो
शादमानियाँ...