नास्तिक कट्टरता भी उतनी ही खतरनाक है

अक्सर नास्तिक भी अपनी आस्था की अंधभक्ति मे आस्तिक अंधभक्तों से ज़्यादा कट्टर बन जाते हैं। और इसी कारण यह दूसरों के तर्कों को कुतर्क की संज्ञा देकर अपने दिमाग़ से दूर छिटक देते हैं। विपरीत सोच रखने वालों की आस्था या विचार का मज़ाक बनाना, नफरत करना और अपनी राय को ज़बरदस्ती दूसरों पर थोपने का ही नाम कट्टरता है। और कट्टरता हक़ बात को किसी भी हाल में क़ुबूल नहीं करने देती।

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