सजा का मकसद केवल दोषी को सुधारना नहीं होता

यह एक गलत तर्क है कि सजा का मकसद केवल दोषी को सुधारना होता है, सजा का मकसद केवल दोषी को सुधारना नहीं बल्कि अन्य लोगो को गलत कार्य और उसके परिणाम के प्रति चेताना भी होता है। मतलब बुरे काम का बुरा नतीजा आना आवश्यक है। अगर बुरे काम के भी अच्छे नतीजे आने लगे तो हर कोई बुराई के रास्ते पर बिना झिझक...
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सामाजिक न्याय और बराबरी के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना पड़ेगा - स्वर्गीय डॉ. असग़र अली इंजीनियर

सामाजिक न्याय और बराबरी के लिए लड़ने वाले स्वर्गीय असग़र अली इंजिनियर साहब मुझ जैसे अनेकों के लिए प्रेरणास्त्रोत थे और हमेशा रहेंगे, उन्होंने अपनी सारी ज़िन्दगी गैर-बराबरी और धार्मिक कट्टरपंथ के विरुद्ध संघर्ष में बिता दी... असग़र अली इंजीनियर साहब ने इस्लाम और स्त्रियों के अधिकार, इस्लाम...
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मदरसों की शिक्षा में परिवर्तन आज की ज़रूरत है

अगर माँ-बाप ने दुनियावी पढ़ाई के मरकज़ यानी स्कूल में दाखिला करा दिया और छात्र का जज़्बा आलिम या मुफ़्ती बनने का था तो नहीं बन सकता, ऐसे ही छात्र का दिल तो डॉक्टर / इंजिनियर / मार्केटिंग प्रोफेशनल / डिज़ाइनर इत्यादि बनने का था मगर माँ-बाप ने दाखिला दीनी मदरसे में कराया, इसलिए अब बेमन से वो पढाई...
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सरकार द्वारा विमर्श के मुद्दे तय करने की रणनीति और कमज़ोर विपक्ष

GDP गिर रही है, व्यापार का बुरा हाल है, सारा बाज़ार चंद कारोबारियों की मुट्ठी में पहुंचाया जा रहा है, नौकरियाँ खत्म हो रही हैं, जबरन टेक्स बढ़ाया जा रहा है, महंगाई रोज़ बढ़ रही है, इंफ्रास्ट्रक्चर में कुछ नया नहीं हुआ, सार्वजानिक शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हालात जस के तस बदतर हैं, फसलों के बेहद...
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नफ़रत पालने वाले

इन नफ़रत पालने वालों को कहां परवाह है सत्य की उन्हें बस नफरत है, कुछ नामों से, कुछ चेहरों से, कुछ लिबासों से, और अपने ख़िलाफ़ उठती हुई आवाज़ों से... - शाहनवाज़ 'साहिल' #हिन्दी_ब्लॉगि...
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