औरंगज़ेब सिर्फ एक शासक था
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औरंगज़ेब भी दूसरे राजाओं की तरह एक शासक ही था, जिसके अंदर बहुत सारी खूबियाँ
थीं और ऐसे ही बहुत सारी कमियाँ भी थीं, पर उन खूबियों और कमियों का देश के
मुसल...
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बिलकुल सही कहा। आज कल बहुत सोचने लगे हो। आशीर्वाद।
ReplyDeleteझकास बात, नो बकवास।
ReplyDelete---------
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चूजे को खोल से बाहर निकलने के लिए खोल को खुद ही तोड़ना होता है। हमारे समाज का भविष्य भी ऐसे ही खोल में बंद है। हमें ही उसे तोड़ना पड़ेगा।
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर लेख ओर उस पर दिनेश जी की टिपण्णी ने ओर भी सुंदर बना दिया, मै आप दोनो से सहमत हुं, मेरे विचार भी यही हे, धन्यवाद
ReplyDeleteअर्थपूर्ण ...
ReplyDeleteवाह भाई,
लम्बे चक्कर के बाद उम्दा संदेश मिला
आभार
घर घर में माटी का चूल्हा
२ लाइन में इतनी जबरदस्त बात कह दी भाई...
ReplyDeleteअच्छा था..
उत्तम सीख एवं विचार!
ReplyDeleteजय हो !!!!!!!
ReplyDeleteसार्थक विचार प्रस्तुत करती सार्थक पोस्ट ... आभार !
ReplyDeleteबात में दम है
ReplyDeleteवाकई बढ़िया सन्देश ...
ReplyDeleteशुभकामनायें
वह , क्या बात है
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा सर!
ReplyDeleteसुख का स्रोत तो अन्दर है।
ReplyDeleteek baat aur bataa doon, experiments se pataa chalaa hai,yadi chuje ko ande se nikalte waqt baahri madad di jaaye (yaane koi baahar ande ko phutne men madad kare) to wo chuja kabhi ud nahin pataa..
ReplyDeletesandesh.. bina mehnat ke aap safal nahin ho sakte :)
वाह भाई,बहुत सुंदर
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !
भाग कर शादी करनी हो तो सबसे अच्छा महूरत फरबरी माह मे
बहुत सुन्दर विचार हैँ । दो पँक्तियोँ मेँ बहुत बड़ा सार हैँ ।
ReplyDeleteअब टिप्पणी सही से हो पा रही है शाहनवाज भाई । शुक्रियाँ ।
very nice ----------
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