कब बनेंगे इंसान?

बटला हाउस इनकाउंटर हो या मालेगाँव ब्लास्ट, मामला चाहे इशरत जहाँ का हो या फिर साध्वी प्रज्ञा का, सबको अपने-अपने धर्म के चश्मे से देखा जाता है। मीडिया जिसके सपोर्ट में रिपोर्ट दिखाए वोह खुश दूसरों के लिए बिकाऊ मिडिया बन जाता है... कितने ही इन्सान मर गए या मार दिए गए, मगर किसी को गोधरा का ग़म है तो...
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बेहतरीन इबादत

सबसे बेहतरीन इबादतों में से एक है तन्हाई में अपने ईश्वर को याद करना, जहाँ तीसरा कोई नहीं हो... जैसे कि रात के अंधेरों में उससे बातचीत करना या फिर शौच या स्नान के समय कहना कि जिस तरह शरीर की गन्दगी से मुझे पाक़ किया उसी तरह मेरे विचारों की गन्दगी को भी दूर कर दे....
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