ओखला के लोगो को सलाम करना चाहूंगा कि जिस तरह मदनपुर खादर स्थित मस्जिद में मरा हुआ सूअर पाए जाने के बाद उन लोगो ने नफरत की राजनीति के मक़सद को समझकर, तनाव फैलाने की जगह पुलिस को इन्फॉर्म किया, वह काबिले तारीफ है।
(Image Source: Indian Express) |
काश त्रिलोकपुरी जैसी अन्य जगहों पर भी स्थानीय निवासियों ने ऐसा ही किया होता तो दिल्ली दंगो के दाग से शर्मसार नहीं होती... ऐसी साज़िशों से निपटने के लिए लोगो को सजग रहने और सही कदम उठाने की ज़रूरत है, ख़ासतौर पर चुनाव के समय! हमें समझना होगा कि जो राजनैतिक पार्टिया चंद वोटों की खातिर हमें लडवाती हैं, वोह खुद तो चुनाव के बाद अपना काम निकलने पर अलग हो जाती हैं, लेकिन इस नफरत को भुगतना आम जनता को ही पड़ता है!
और सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर कब तक आम जनता इन नेताओं के झांसे में आती रहेगी?
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