
दिल्ली नतीजों के गूढ़ में निहित हैं कि जनता आज भी सांप्रदायिक ताकतों की घिनौनी राजनीति के खिलाफ है। देश का 'आम आदमी' यह जान चुका है कि 'साम्प्रदायिकता' और कुछ नहीं बल्कि भ्रष्टाचार की ढाल है।
सम्प्रयदाय अथवा ज़ात-पात की राजनीति करने वाले हमें इन मुद्दों में घुमाए रखना चाहते हैं, जिससे कि...