अक्सर लोग अपनी आस्था के खिलाफ किसी विचार को सुनकर मारने-मरने पर उतर जाते हैं, उम्मीद करते हैं कि सामने वाला भी उतनी ही इज्जत देगा, जितनी कि हमारे दिल में है। हालांकि यह नामुमकिन बात है, हर एक की सोच अलग होती है, कैफियत अलग होती है। हम में से हर एक को दूसरे को उसकी आस्था या सोच रखने की आज़ादी का समर्थक होना चाहिए...अपनी आस्था को मानिए पर किसी को भी दूसरे की सोच या आस्था का मज़ाक नहीं उड़ना चाहिए, नीचा...
औरंगज़ेब सिर्फ एक शासक था
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औरंगज़ेब भी दूसरे राजाओं की तरह एक शासक ही था, जिसके अंदर बहुत सारी खूबियाँ
थीं और ऐसे ही बहुत सारी कमियाँ भी थीं, पर उन खूबियों और कमियों का देश के
मुसल...