एक नौजवान, शेर से अपनी जान की भीख मांगता रहा, बेहिस लोग वीडियो बनाने में मशगूल थे और सिक्योरिटी सोती रही... 15 मिनट बाद सुरक्षा कर्मियों की नींद खुली, पर अफ़सोस कि तब तक उस बेचारे के प्राण पखेरू उड़ चुके थे
परेशानी का सबब यह एक हादसा भर नहीं है बल्कि यह भी है कि कहीं भी, किसी की भी कोई जवाबदेही तय नहीं है...
केवल कोई चिड़ियाघर ही नहीं बल्कि अगर कही भी सुरक्षा का अच्छा प्रबंध, चाकचौबंद व्यवस्था नहीं हो सकती है तो या तो उसे आम पब्लिक के लिए बंद कर देना चाहिए या फिर चेतावनी लिख देनी चाहिए कि हम असमर्थ हैं, अपनी रक्षा स्वयं करें!
देश के हर एक नागरिक का फ़र्ज़ है ना सिर्फ अपनी जान की हिफाज़त करना बल्कि देश / प्रशासन के द्वारा बनाए कानूनों / नियमों का पालन करना, हमें यह समझना होगा कि यह नियम स्वयं हमारी सुरक्षा के लिए ही बनाए जाते हैं!
हालाँकि इस सत्य से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि देश में हर इक का बौद्धिक स्तर इतना बेहतर नहीं होता कि नियमों के अनुसार चलें साथ ही साथ यह भी बात है कि अक्सर वोह लोग भी रोमांच / सैडनेस इत्यादि में जान जोखिम में डाल देते हैं जो नार्मल लाइफ में सजग रहते हैं।
हालाँकि इस सत्य से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि देश में हर इक का बौद्धिक स्तर इतना बेहतर नहीं होता कि नियमों के अनुसार चलें साथ ही साथ यह भी बात है कि अक्सर वोह लोग भी रोमांच / सैडनेस इत्यादि में जान जोखिम में डाल देते हैं जो नार्मल लाइफ में सजग रहते हैं।
और इसी कारण सरकार सुरक्षा के सख्त मानकों का पालन करती है, जैसे कि हेलमेट ना पहनने से ड्राइव करने वाले को खतरा होता है फिर भी लोग नहीं पहनना चाहते, मगर सरकार ने अनिवार्य कर रखा है।
इसी तरह कोई भी प्रशासन केवल यह लिखकर हाथ नहीं झाड सकते कि आगे खतरा है। बल्कि ऐसी जगहों पर कम से कम 12-15 फुट जाली होना अति-आवश्यक है, जबकि वहां 2-3 फुट की जाली ही लगी हुई है। साथ ही दुर्घटना होने की स्थिति में ट्रेंड सुरक्षा कर्मी कम से कम ऐसे स्थानों पर अवश्य मौजूद रहने चाहिए।
Keywords: Delhi Zoo incident
ऐसे जगहों पर सुरक्षा के कड़े इतजाम होने चाहिए और साथ ही लोगों को भी कड़ाई से समझाना जरुरी हैं ..कई बार अति उत्साह में लोग ऐसे गलतियों करने से बाज नहीं आते ...
ReplyDeleteसही कहा कविता जी!
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