औरंगज़ेब सिर्फ एक शासक था
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औरंगज़ेब भी दूसरे राजाओं की तरह एक शासक ही था, जिसके अंदर बहुत सारी खूबियाँ
थीं और ऐसे ही बहुत सारी कमियाँ भी थीं, पर उन खूबियों और कमियों का देश के
मुसल...
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इसीलिए कहते हैं कि बच्चों के सामने खूब सोच समझ कर बोलना चाहिए। अब झेलिये पिता महोदय।
ReplyDelete:) बच्चे हैं जी
ReplyDelete:-).....
ReplyDeleteक्या आप भी तो नहीं पिट लिए ....
ReplyDelete:-(
शुभकामनायें आपको !
karara...
ReplyDeleteआइटम के साथ बम लगाना भूल गए क्या...
ReplyDeleteजय हिंद...
मजेदार.....
ReplyDeleteऐसे आयटम हर देश में मिलते हैं। आनन्द आया।
ReplyDeleteबच्चे मन के सच्चे ;) बढ़िया मज़ेदार पोस्ट ...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है ....http://mhare-anubhav.blogspot.com/
ReplyDeleteअब मैं क्या कहूँ !
ReplyDeleteमां पर पूत , पिता पर घोड़ा !
ReplyDelete‘ये तो मेरे मां-बाप ने मुझ पर थोपा था!’ :)
ReplyDelete:))
ReplyDeleteHa..ha..ha..majedar.
ReplyDeleteआप सभी को क्रिसमस की बधाई ...हो सकता है सेंटा उपहार लेकर आपके घर भी पहुँच जाये, सो तैयार रहिएगा !!
achcha jee.
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