हालाँकि सच यही है कि वैवाहिक रिश्ता एक-दूसरे से मुहब्बत और अपने 'हक़' की कुर्बानी पर ही टिका होता है। मगर कडुवी सच्चाई यह है कि अक्सर यह कुर्बानी लड़कियाँ ही ज्यादा देती हैं।
आज के हालातों को देखते हुए माता-पिता के द्वारा लड़कियों को बचपन से ही कम से कम इतना 'ताकतवर' और 'आत्मनिर्भर' बनाए जाने की कोशिशों की सख्त ज़रूरत है कि अगर पति 'ज़्यादती' करे तो वह उसे लात मार सके। कुर्बानियाँ देना तो बहरहाल सिखाया ही जाता है!
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल १४ /५/१३ मंगलवारीय चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत शुक्रिया राजेश कुमारी जी
Deletei agree
ReplyDeleteThanks....
Delete.पूर्णतया सहमत बिल्कुल सही कहा है .आभार अख़बारों के अड्डे ही ये अश्लील हो गए हैं .
ReplyDeleteधन्यवाद शालिनी जी
Deleteसही सुझाव के साथ बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआज की नारी अात्मनिर्भर होने के बाद ज्यादा कुर्बानी देना सीख गई है । जिसे compromise.............. कहते हैं.
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