हुक़्म नहीं है 'फतवा'

Posted on
  • by
  • Shah Nawaz
  • in
  • 'फतवा' केवल सवाल करने पर ही दिया जाता है और मालूम करने वाले व्यक्ति के लिए ही होता है। ज़रूरी नहीं कि वह दूसरों के लिए भी सही हो। क्योंकि फतवा विशेष परिस्थिति के अनुसार इस्लामिक उसूलों की रौशनी में दी गयी 'सलाह' या 'मार्गदर्शन' का नाम है। तथा सम्बंधित व्यक्ति उसका पालन अथवा नज़रअंदाज़ कर सकता है। यहाँ तक कि एक ही परिस्थिति पर अलग-अलग राय के अनुसार 'फतवा' भी अलग-अलग हो सकता है।

    किसी भी 'फतवे' की व्याख्या के लिए मालूम किये गए प्रश्न और परिस्थितियों का गहरा अध्यन आवश्यक होता है।

    अक्सर 'फतवा' को 'हुक्म' के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन यह सच नहीं है। हालाँकि जानकारी के अभाव में अक्सर लोग फतवे को हुक्म ही समझते हैं।



    keywords: islamic fatwa is not order

    2 comments:

    1. कल 03/10/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
      धन्यवाद!

      ReplyDelete
    2. एक दम नयी जानकारी उस्ताद !!

      ReplyDelete