हिन्दू की बात हो, ना कोई मुसलमान की
अब तो हर इक बात हो बस ईमान की

इस हालात से तभी निजात पाई जा सकती है, जबकि देश को धर्मों-जातियों में बाटने की राजनीति का देश से खात्मा कर दिया जाए!
हम शौक़ से हिन्दू या मुसलमान बनें
कुछ भी बन जाएँ मगर पहले इक इंसान बनें।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteसाझा करने के लिए आभार।